Sunday, January 10, 2010

शुक्र है कि मुझे हनुमान चालीसा याद थी

Hanuman Chalisa

शादी की पहली वर्षगांठ पर पत्नी पति से कुछ सकुचाते हुए पूछती है...

पत्नी: प्रिये,...एक बात पूछूँ?...

पति(प्यार से): पूछो जानू... एक क्या सौ बात पूछो...हक है तुम्हें....तुम नहीं पूछोगी तो और कौन पूछेगा?..

पत्नी: शादी की रात जब तुमने मेरा घूँघट उठाया था तो मैं कैसी लग रही थी?

पति: मैं तो समझो मर ही गया होता अगर मुझे हनुमान चालीसा कंठस्थ याद ना होती

12 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

वैसे अब तो पत्‍नी चालीसी
या पति चालीसा लिखने का जमाना है

संगीता पुरी said...

वैसी स्थिति से निबटने के लिए मैने हनुमान पचासा भी पोस्‍ट कर दिया है .. ये रहा लिंक।

दिनेशराय द्विवेदी said...

भूत पिशाच निकट नहिं आवैं।।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

अच्छा हुआ ...मैं कुंवारा हूँ.....

Khushdeep Sehgal said...

अरे राजीव जी,
पत्नी ने आगे जो कहा, वो तो आपने बताया ही नहीं...

पत्नी...शुक्र है तुम पहले पांच जैसे नहीं निकले...

जय हिंद...

खुला सांड !! said...

kaafi puraanaa jok hai om namo: bhagwate !!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

हा हा हा ये सांडनाथ के मतलब का ही है,बाबा जी
बहुत बढिया-आभार

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

बाबा सांडनाथ जी तुरंत ही समझ गए, हा हा हा

Kulwant Happy said...

अद्भुत गुरू@

अजय कुमार झा said...

बेचारे ब्रह्मचारी हनुमान जी ने सोचा भी नहीं होगा कि उनके सिलेबस को हम लोग कहां कहां पटक लेते हैं , चालीसा पढते ही वो भाग निकली होगी ..पक्का ,पक्का
अजय कुमार झा

Unknown said...

hanuman ji bhi bade kaam ki cheez hain

agar 40 tippaniyan aa jaayen to shri hanumaan chaalisa ka paath anivaarya hai...

prasaad me keval dry froot ki barfi aur meva kheer !

हरकीरत ' हीर' said...

खुशदीप का भी जवाब नहीं.......!!

Post a Comment

Followers