Facebook Badge
Categories
- cartoon (5)
- joke (19)
- rajivtaneja (20)
- sattire (6)
- कार्टून (2)
- क्रिकेट (1)
- दिल्ली (1)
- दिल्ली का पानी (1)
- नवभारत टाईम्स (2)
- फोटो (2)
- राजीव तनेजा (19)
- लाफ्टर के फटके (19)
- लाफ्टर के फटके राजीव तनेजा (3)
- व्यंग्य (3)
- संपादित जॉक (2)
- हास्य (12)
Blog Archive
-
▼
2010
(18)
-
▼
January
(14)
- स्मैक...ब्राउन शुगर और रोटी
- मेरी सॉरी की स्पेलिंग गलत थी शायद
- बुम्म...बुम्म...बढ़ाम
- राम मिलाई जोड़ी-कार्टून
- हाथ काले क्यूँ हैं?
- मटन...चिकन या बिरियानी दे दो
- पैनिक क्या है
- एक सवाल आप से..आप से और आप सब से
- क्या बोलती तू
- ज़रा हट के-नज़ारे क्रिकेट के
- शुक्र है कि मुझे हनुमान चालीसा याद थी
- इतना तो पागल नहीं हूँ मैं
- कल मेरी शादी है
- मर्द अँधा नहीं होता
-
▼
January
(14)
Sunday, January 17, 2010
एक सवाल आप से..आप से और आप सब से
10:01 AM |
Posted by
राजीव तनेजा |
Edit Post
मैं आपसे...आपसे और आपसे पूछता हूँ जनाब कि अगर स्वाइन फ़्लू का इतना ही डर था तो...
- शौक-शौक में शादी के लिए हाँ क्यों भरी?
- हाँ भरी सो भरी लेकिन कार्ड क्यों छपवाए?
- कार्ड छपवा लिए सो छपवा लिए लेकिन खुशी-खुशी घोड़ी क्यों चढ़े?...
- घोड़ी चढ़े सो चढ़े लेकिन ज़ोर-शोर से बैंड-बाजा क्यों बजवाया?..
- बैंड-बाजा बजवाया सो बजवाया लेकिन गरज-बरस के मटक-मटक के नाचे क्यों?..
- मटक-मटक के नाचे लेकिन फोटोग्राफर क्यों बुलवाया?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
4 comments:
अरे स्वाइन फ्लू का कोई चक्कर नहीं है। ये सब जैनी हैं।
हम्म्म यह फोटा मुझे भी इ-मेल में मिली थी :-) यह बात अलग है कि पट्टियों बाद में फोटो पर लगाई गई हैं
जैसे शादी का कुनबा मौनव्रती है...वैसे ही हम भी चुप रहेंगे...
लेकिन एक से बढ़ कर एक सुंदर चेहरे हैं, किसी की बुरी नज़र न लगे इसलिए नजरपट्टू तो लगाने ही पड़ते है न...
जय हिंद...
रिठेल प्रभु। स्वाईन मेल :>)
Post a Comment