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▼
2010
(18)
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▼
January
(14)
- स्मैक...ब्राउन शुगर और रोटी
- मेरी सॉरी की स्पेलिंग गलत थी शायद
- बुम्म...बुम्म...बढ़ाम
- राम मिलाई जोड़ी-कार्टून
- हाथ काले क्यूँ हैं?
- मटन...चिकन या बिरियानी दे दो
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- शुक्र है कि मुझे हनुमान चालीसा याद थी
- इतना तो पागल नहीं हूँ मैं
- कल मेरी शादी है
- मर्द अँधा नहीं होता
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▼
January
(14)
स्मैक...ब्राउन शुगर और रोटी
बंटू रोते हुए घर आता है...
बंता सिंह:क्या हुआ बेटे?...रो क्यों रहे हो?
बंटू(सुबकते हुए):कल से मैं स्कूल नहीं जाऊँगा...
बंता सिंह:हुआ क्या?...
बंटू:टीचर ने मारा
बंता सिंह:तुमने ज़रूर कोई गलती की होगी
बंटू:नहीं!...टीचर ने सवाल पूछा तो सब बच्चे जवाब दे रहे थे ....मैंने भी जवाब दिया...उन्हें तो कुछ नहीं कहा और मुझे मारा
बंता सिंह:तुमने ज़रूर गलत जवाब दिया होगा
बंटू:नहीं!...मेरा जवाब तो एकदम सही था
बंता सिंह:टीचर ने पूछा क्या था?
बंटू:टीचर ने सबसे नशीले पदार्थ का नाम बताने के लिए कहा था
बंता सिंह:बेवाकूफ!...तुमने ज़रूर 'शराब' का नाम लिया होगा ...अब तो बहुत से नए नशे आ गए हैं...जो उससे भी कई गुना ज़्यादा तेज़ हैं
बंटू:नहीं!...मैंने तो...
बंता सिंह:तो फिर क्या तुमने 'स्मैक' या फिर 'ब्राउन शुगर' का नाम लिया था?...
बंटू(कुछ सोचते हुए):नहीं!...वो तो चिंटू और पंकज ने लिया था ...
बंता सिंह:ओह!...अब समझा...पेटु कहीं के...तुमने ज़रूर 'रोटी' का नाम लिया होगा...
बंटू:नहीं!...कसम से...मैंने तो 'रोटी' का नाम भी नहीं लिया
बंता सिंह(गुस्से से):तो क्या फिर 'दाल मक्खनी' और 'शाही पनीर' का लिया था?
बंटू:नहीं!...मैंने तो बस कोर्स की 'किताबों' का नाम लिया था कि उनको खोलते ही नींद आने लगती है
मेरी सॉरी की स्पेलिंग गलत थी शायद
संता(गाल पे हाथ रख...उसे सहलाते हुए जा रहा था ..
बंता(उसे टोकते हुए): ओए संते!...कहाँ जा रहा है?
संता:इंग्लिश सीखने
बंता: पागल हो गया है क्या?...
संता: क्या मतलब?..
बंता(उसे ऊपर से नीचे तक गौर से देखते हुए): इस...बच्चों को खिलाने की उम्र में तुझे अंग्रेज़ी सीखने की सूझ रही है?...
संता:हाँ!...
बंता: लेकिन क्यों?...
संता:मेरी SORRY की स्पेलिंग ठीक नहीं है...इसलिए
बंता:क्या मतलब?...
संता: कल मैं बाज़ार से सब्जी खरीद के आ रहा था...तुझे तो पता ही है तेरी भाभी को बैंगन का भरता कितने पसंद हैं?...
बंता:तो?...
संता: उसी के लिए बैंगन खरीद के आ रहा था कि जल्दबाज़ी में एक सुंदर सी...पटाखा टाईप ....फुलझड़ी लड़की से टकरा गया...
बंता:ओह!...तुझे उसे Sorry कह माफी माँग लेनी चाहिए थी
संता(अपना गाल सहलाते हुए):मांगी ना...तभी तो उसने ये खींच के झापड़ रसीद कर दिया
बंता:झापड़ रसीद कर दिया?...लेकिन क्यों?...
संता:मेरी Sorry की स्पेलिंग गलत थी शायद ....
बंता:क्या मतलब?...ऐसा कैसे हो सकता है?...तूने ठीक से स्पैल तो किया था न?...
संता का असमंजस भरा स्वर:हाँ!...शायद...
बंता:शायद या पक्का?....
संता(सोचते हुए):प्प...पक्का
बंता:ओह!...लेकिन फिर तुझे ऐसा क्यों महसूस हुआ कि तेरी स्पेलिंग गलत भी हो सकती है?....
संता:क्योंकि मेरे टकराने के ठीक बाद एक स्मार्ट लड़का भी उससे टकराया...और उसने भी मेरी तरह उसे फट्टाक से Sorry कह दिया
बंता:ओह!...उस बेचारे की भी मिट्टी पलीद कर दी होगी उस छम्मक छल्लो ने?...
संता:नहीं...
बंता:क्या मतलब? ...
संता:अफ़सोस तो इसी बात का है कि उसने उसे डांटने के बजाए मुस्कुराते हुए कहा..."इटस ओ.के"
बुम्म...बुम्म...बढ़ाम
टीवी रिपोर्टर(घायल व्यक्ति से):ओहहो!...आपको तो बहुत चोट लगी है..
घायल(कराहते हुए): जी!...
रिपोर्टर(उत्सुकता से):कितना नुकसान हुआ?
घायल(वीरता दिखाते हुए):कुछ खास नहीं...बस!..दो उंगलियाँ और एक पैर उड़ गया है
रिपोर्टर: ओह!...तो क्या आंतकवादियों ने जो बम फेंका था...वो फूट गया था?...
घायल(गुस्से से तिलमिलाते हुए): नहीं!...वो फूटा कहाँ था?...वो तो आहिस्ता से रेंगते हुए मेरे पास आया और बड़े ही प्यार से मेरे कान में फुसफुसाते हुए बोला .....
'बुम्म...बुम्म...बढ़ाम'
हाथ काले क्यूँ हैं?
संता(रेल्वे स्टेशन से बाहर निकलते हुए खुशी से)...
"ओ बड़े दिनों में खुशी का दिन आया...ओ बड़े दिनों में खुशी का दिन आया ..
बंता: ...क्या बात?...बड़े खुश नज़र आ रहे हो...कोई लॉटरी लग गई क्या?....
संता: हाँ!...लॉटरी ही समझो..
बंता: लॉटरी की टिकट क्या कोयले की खदान से मिली है?...
संता: नहीं तो...क्यों?...क्या हुआ?...
बंता:तुम्हारे ये हाथ काले क्यूँ हो रहे हैं?...
संता: ओह!...ये?...ये तो खुशी के मारे काले हो रहे हैं...
बंता:लोगों को खुशी के मारे लाल होते हुए तो देखा था...ये काला होते हुए पहली बार देख रहा हूँ..
संता: अरे!...ये तो पत्नी को गाड़ी में चढ़ाने के बाद इंजिन को शाबाशी दे के आ रहा हूँ कि वो इस मुसीबत को ले के जा रहा है
मटन...चिकन या बिरियानी दे दो
मरियल भिखारी : अल्लाह के नाम पे...मौला के नाम पे गरीब को कुछ खाने को दे दो बाबा...
आदमी : टमाटर खाओ..टमाटर..खून बढ़ेगा...ताकत आएगी
भिखारी : नहीं!...टमाटर की इच्छा तो नहीं है बच्चा...आज मेरा जन्मदिन है...हो सके तो मटन...चिकन या बिरियानी दे दो...
पत्नी: अरे वाह!...नखरे तो देखो बाबा के...
भिखारी(मायूस स्वर में): अच्छा!...रोटी...चावल या फिर पुलाव ही दे दो
आदमी : नहीं!...टमाटर खाओ...टमाटर खाओ
पत्नी गुस्से से : चल!...भाग यहाँ से...कुछ नहीं है हमारे पास
भिखारी : ठीक है!...टमाटर ही खिला दो।
पत्नी : अरे!...काहे के टमाटर खिला दो?...भाग यहाँ से...दिखाई नहीं देता कि ये तोतला है , कह रहा है कि..."कमाकर खाओ"
पैनिक क्या है
संता : स्ट्रेस , टेंशन और पैनिक में क्या अंतर है ?
बंता : स्ट्रेस तब होती है जब वाइफ प्रेग्नंट हो , टेंशन तब होती है जब गर्लफ्रेंड प्रेग्नंट हो।
संता : और पैनिक?
बंता : जब दोनों प्रेग्नंट हों ?
एक सवाल आप से..आप से और आप सब से
मैं आपसे...आपसे और आपसे पूछता हूँ जनाब कि अगर स्वाइन फ़्लू का इतना ही डर था तो...
- शौक-शौक में शादी के लिए हाँ क्यों भरी?
- हाँ भरी सो भरी लेकिन कार्ड क्यों छपवाए?
- कार्ड छपवा लिए सो छपवा लिए लेकिन खुशी-खुशी घोड़ी क्यों चढ़े?...
- घोड़ी चढ़े सो चढ़े लेकिन ज़ोर-शोर से बैंड-बाजा क्यों बजवाया?..
- बैंड-बाजा बजवाया सो बजवाया लेकिन गरज-बरस के मटक-मटक के नाचे क्यों?..
- मटक-मटक के नाचे लेकिन फोटोग्राफर क्यों बुलवाया?
शुक्र है कि मुझे हनुमान चालीसा याद थी
शादी की पहली वर्षगांठ पर पत्नी पति से कुछ सकुचाते हुए पूछती है...
पत्नी: प्रिये,...एक बात पूछूँ?...
पति(प्यार से): पूछो जानू... एक क्या सौ बात पूछो...हक है तुम्हें....तुम नहीं पूछोगी तो और कौन पूछेगा?..
पत्नी: शादी की रात जब तुमने मेरा घूँघट उठाया था तो मैं कैसी लग रही थी?
पति: मैं तो समझो मर ही गया होता अगर मुझे हनुमान चालीसा कंठस्थ याद ना होती
इतना तो पागल नहीं हूँ मैं
संता की चेकबुक खो गई। वह बैंक पहुंचा और नई चेकबुक की मांग की।
अधिकारी ने संता को समझाया कि..."तुम्हें अपनी चेकबुक संभाल कर रखनी चाहिए थी। कोई भी इसका मिसयूज़ कर सकता है"...
संता: "वह कैसे?" ...
अधिकारी : '"तुम्हारे चेकों पर कोई सिग्नेचर कर सकता है"...
संता : 'इतना तो पागल नहीं हूँ मैं'...
अधिकारी : "क्या मतलब?'...
संता: " ऐसा हो ही नहीं सकता क्योंकि मैने पहले से ही सभी चेक पर अपने सिग्नेचर किए हुए है। '
कल मेरी शादी है
बॉस - अरे राजीव!...फिर 5 दिन की छुट्टी ? पिछले 1 साल में तुमने न जाने कितनी बार छुट्टियां ली हैं। कभी सगाई , कभी हनिमून , बच्चे की बीमारी , कभी नामकरण ... अब क्या है ?
राजीव- जी कल मेरी शादी है।
मर्द अँधा नहीं होता
पत्नी: औरतें अपने दिमाग की अपेक्षा अपने रूप पर ज्यादा ध्यान क्यों देती हैं?
पति: क्योंकि मर्द चाहे जितना ही बेवकूफ क्यों न हो, पर अँधा नहीं होता।
सौजन्य: नवभारत टाईम्स