Facebook Badge
Categories
- cartoon (5)
- joke (19)
- rajivtaneja (20)
- sattire (6)
- कार्टून (2)
- क्रिकेट (1)
- दिल्ली (1)
- दिल्ली का पानी (1)
- नवभारत टाईम्स (2)
- फोटो (2)
- राजीव तनेजा (19)
- लाफ्टर के फटके (19)
- लाफ्टर के फटके राजीव तनेजा (3)
- व्यंग्य (3)
- संपादित जॉक (2)
- हास्य (12)
Blog Archive
Thursday, December 31, 2009
यौवन शरणम गच्छामि
11:36 AM |
Posted by
राजीव तनेजा |
Edit Post
"सूरज की गरमी से जलते हुए तन को मिल जाए तरुवर की छाया...
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है जब से मैँ शरण तेरी आया... मेरे राम"...
ओफ्फो!...उम्र के इस पड़ाव पे मैँ ये क्या अंट-शंट बकने लगा?...
अब तो ज़माना बदल गया है क्योंकि ...
"रंग नया है...ढंग नया है...
जीने का तो जाने कहाँ ढंग गया है?...
किसे है फिकर?...किसे है खबर?...
ज़िन्दगी की राह में रज़ामन्द जब हम-तुम
तुम-हम बन गए हैँ...बेधड़क मेरे घर आया करो"...
अब...अब तो मैँ ये गीत...यही गीत बार-बार गुनगुनाऊँगा...सिर्फ गुनगुनाऊँगा ही नहीं...ज़ोर-ज़ोर से गाऊँगा भी...
"यौवन की गरमी से जलते हुए मन को मिल जाए दुपट्टे की छाया...
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है जब से मैँ शरण तेरी आया...मेरी माया
(नोट: माया की जगह कभी भी लक्ष्मी...बसंती...पारो और उज्जवला भी ले सकती हैँ)
यौवन शरणम गच्छामि...
***राजीव तनेजा***
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
2 comments:
कल से श्री. अरविन्द जी के साथ हूँ.... उनके ऊपर यौन शोषण का इलज़ाम लगा है.... अगर अरविन्द जी telepathic sex कर सकते हैं तो उनको नमन... ग़ज़ब का टैलेंट है यह.... उन्होंने यहीं बैठे बैठे ही सब कुछ कर दिया... शायद बीच में telepathy का सिग्नल खराब हो गया होगा.... इसीलिए वो सेक्सुअल हरासमेंट हो गया.... .... आगे कि कड़ी बहुत सुंदर लगी और दिल को छू गई....
समस्त ब्लॉग जगत से यह निवेदन है कि .... कोसों दूर बैठे कैसे यौन शोषण किया जा सकता है...... और उस शोषण को कैसे महसूस किया जा सकता .... यह रचना जी से ट्यूशन लिया जाये.... और अगर दूर से यौन शोषण में कोई दिक्कत आये... या सिग्नल में रुकावट आये... तो यौन शोषण का इलज़ाम लगा दिया जाये.....
समस्त ब्लॉग जगत से यह निवेदन है कि .... श्री . अरविन्द जी के साथ खड़े हो कर .... उनको इस मुसीबत से निजात दिलाया जाये..... यह सरासर मानहानि है.... श्री. अरविन्द जी का मान बचाया जाये.... उनके साथ खडा हुआ जाये....
मुझे आपका यह बहुत अच्छा लगा........
(NB:--भई.... आपने देखा होगा कि खेतों में....एक पुतला गाडा जाता है .... जिसका सर मटके का होता है... उस पर आँखें और मूंह बना होता है.... और दो हाथ फूस का..... वो इसलिए खेतों में होता है.... कि फसल जब पक जाती है ..... तो कोई जानवर-परिंदा डर के मारे न आये...... मैं वही पुतला हूँ.... )
आपको नव वर्ष कि शुभकामनाएं....
नव वर्ष की शुभकामनाए!!
Post a Comment